Wednesday, December 23, 2009

(४१)

जो दर्द खींच ले इस दिल का,
है यार कहाँ ऐसी हाला?
जो डुबा सके मस्ती में मुझको,
यार कहाँ ऐसा प्याला?

दिल में मेरे बस पाये ऐसी
मिली नहीं साकीबाला,
जीवन अपना दूँ बिता जहाँ
है यार कहाँ वह मधुशाला?

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