Wednesday, December 23, 2009

(४५)

छिन जाये मेरा सब कुछ पर,
बस बचा रहे मेरा प्याला;
जग से मिट जाए सब कुछ
भगवन, मिटे न पर मादक हाला।

जग ले जाये सब सुन्दिरयाँ,
बस बची रहे साकी बाला;
प्रभु स्वर्ग उसे दो जो माँगे,
मुझको दो मेरी मधुशाला।

No comments:

Post a Comment