Wednesday, December 23, 2009

(५४)

प्यासा देख तेरे दीवानों को,
सुन ओ प्यारी हाला;
बह्मा ने स्वर्ण कमंडल अपना,
सारा खाली कर डाला।

औ’ उस मधुगंगा से भरकर,
मेरे दिल का खाली प्याला;
इस जग की प्यास बुझाने को,
खुलवा दी मुझसे मधुशाला।

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