Wednesday, December 23, 2009

(५२)

हाला है खोज थकी सब जग,
पाने को वह पीनेवाला;
पीकर जो झूमे औ’ नाचे,
ऐसा दीवाना मतवाला।

क्यों तूने ना देखा मदिरे,
वो दीवाना पीकर प्याला;
लुढ़का होगा कोने में कहीं,
जा खोज उसे तू मधुशाला।

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