Monday, December 21, 2009

(२५)

है दोष नहीं पीनेवालों का,
वो हैं पागल मतवाले;
मादकता देन प्रभू की है,
ये गुण है दोष नहीं हाले।

पर ना जाने क्यों औरों के
हाथों में जब देखूँ प्याला,
जी करता अग्नि-समर्पित कर
अब राख करूँ मैं मधुशाला।

No comments:

Post a Comment